चूहों से परेशान किसान पालते है उल्लू
उल्लू की नजरें बहुत तह होती है साथ ही वह बेहद बुद्धिजीवी होता है मगर फिर भी लोग उसे मुर्ख ही समझते हैं। उल्लू जितने डरावने दिखते हैं उससे कहीं ज़्यादा यह खतरनाक भी होते हैं। उल्लू का उपयोग तांत्रिक गतिविधियों में भी किया जाता है।
उल्लुओं के बारे में कुछ ख़ास तथ्य:
उल्लू अपने सर और गर्दन को 270° तक घुमा सकता है। यानी आप अगर उल्लू के पीछे भी खड़े हैं तो वह आपको बिना अपने शरीर को घुमाए सिर्फ गर्दन घुमा कर भी देख सकता है।
उल्लू की आँखों के ऊपर तीन पलकों कि परत होती है। इन तीनों पलकों के काम भी अलग-अलग होते हैं। एक पलक झपकने के काम में आती है, एक सोने के काम में और एक पलक आँखों को साफ़ करने के काम में आती है।
चूहा, एक शोध के अनुसार उल्लू एक साल में 1000 से भी ज़्यादा चूहे खा जाता है। चूहों से परेशान किसान अक्सर उल्लू पालते हैं।
उल्लू के जीवाश्म इस प्रथ्वी पर 6 करोड़ साल पुराने हैं। जिससे साबित होता है कि उल्लू का शरीर मरने के बाद भी जल्दी ख़त्म नहीं होता।
किसी इंसान को उल्लू दीखता है तो माना जाता है कि उसके पड़ौसी की मौत होने वाली है। वहीं दक्षिण अफ्रीका में उल्लू की आवाज़ को मौत का संकेत माना जाता है।
उल्लू बिना आवाज़ किये मिलों दूर तक उड़ सकता है। वह बिना आहट करे आसानी से शिकार कर सकता है। उल्लू के कान भी बेहद तेज़ होते हैं आसमान में होते हुए भी ज़मीन पर घूम रहे चूहे की सर सराहट सुन लेता है।