क्विज़ खेलों और पैसे कमाओ

Download App from Google Play Store
किस्से कहानियाँ

लालची मानव हिन्दी कहानी Lalchi Manav Story in Hindi

लालची मानव हिन्दी कहानी Lalchi Manav Story in Hindi

प्राचीन काल की बात है एक लालची मानव खेत पर काम करने जा रहा था। रास्ते में उसे एक चुहिया दिखाई दी। उसने चुहिया को पकड़ कर अपने बक्से में बन्द कर दिया।

हमारे इस कहानी को भी पड़े : आभारी हिरणी हिन्दी कहानी

घर पहुँच कर रात में जब उसने बक्सा खोला तो यह देखकर चकित रह गया कि चुहिया तो अति सुन्दर कन्या में बदल गई। उस सुन्दरी को देखकर उसके मन का लालच जाग उठा, उसने सोचा, ‘यदि मैं इसका विवाह विश्व के सबसे शक्तिशाली पुरुष से कर दूँ तो मैं भी धनी हो जाऊँगा।’ ऐसा सोचकर उसने सुन्दर कन्या को साथ लिया, और महानतम पुरुष की खोज में चल दिया।

लालची मानव हिन्दी कहानी Lalchi Manav Story in Hindi

खोजते खोजते सबसे पहले वह विश्व के प्रसिद्ध शासक राजा के पास पहुँचा। उसने राजा से विनती करते हुए कहा, ‘महाराज, मैं अपनी अतिसुन्दर कन्या का विवाह विश्व के महानतम पुरुष से करना चाहता हूँ, जो कि आप हैं, इसे स्वीकार करें।’

हमारे इस कहानी को भी पड़े : मुर्गे की बाँग और सूर्योदय हिन्दी कहानी

राजा ने विनम्रता से उत्तर दिया, ‘मुझे तुम्हारी कन्या से विवाह करके प्रस्न्नता होती, पर तुमने जैसा कि अभी कहा कि तुम महानतम पुरुष से इसका विवाह करना चाहते हो, तो सुनो मित्र! मैं तो पानी के समान नगण्य हूँ। जब मैं नदी में खड़ा होता हूँ तो उसकी तीव्र धार मुझे बहाकर ले जाती है। इस प्रकार मेरी दृष्टि में पानी महानतम है।’

धन के लोभ में वह पानी के पास पहुँचा। उसने पानी से आग्रह किया कि वह विश्व में महानतम है, अतः वह उसकी कन्या से विवाह कर ले। पानी ने उसके प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा, “पवन (हवा) मुझसे श्रेष्ठ है। जब मैं स्थिर होता हूँ तो वह मुझे बहा कर ले जाता है।”

लालची मानव हिन्दी कहानी Lalchi Manav Story in Hindi

इस प्रकार वह पवन की खोज में निकला। पवन से भेंट होने पर उसने पुनः अपना निवेदन कह सुनाया। पवन ने कहा, “हो सकता है मैं पानी से श्रेष्ठ हूँ, पर महानतम नहीं हूँ। परवत मुझसे अधिक शक्तिवान है। मैं सभी सांसारिक वस्तुएं उड़ा कर, बहा कर ले जा सकता हूँ पर पर्वत को उसके स्थान से नहीं हिला सकता, मेरे विचार में पर्वत महान है।”

अतः वह मानव पर्वत के पास पहुँचा और पुनः अपनी कन्या से विवाह करने का निवेदन किया। पर्वत ने स्थिर स्वर में उत्तर दिया, “हां, मैं कुछ वस्तुओं से शक्तिशाली और महान हूँ पर सर्वोत्तम नहीं। एक छोटा सा चूहा मुझसे महान है क्योंकि वह जब चाहता है, मेरे अन्दर छेद कर देता है।”

पर्वत के मना करने के बाद उस लालची पुरुष के पास कोई स्थान नहीं बचा था, जहाँ वह महानतम की खोज कर सकता, अतः वह पुनः घर लौट आया और तभी उसने अचम्भा देखा, वह सुन्दर कन्या धीरे धीरे फिर चुहिया बन गई और फुदक कर भाग गई।

5/5 - (1 vote)

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button

Adblock Detected

गजब अड्डा के कंटेन्ट को देखने के लिए कृपया adblocker को disable करे, आपके द्वारा देखे गए ads से ही हम इस साइट को चलाने मे सक्षम है