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किस्से कहानियाँ

बोलने वाली गुफ की कहानी Bolnewali Gufa Story in Hindi

बोलने वाली गुफ की कहानी Bolnewali Gufa Story in Hindi

किसी जंगल में एक शेर रहता था। एक बार वह दिन-भर भटकता रहा, किंतु भोजन के लिए कोई जानवर नहीं मिला। थककर वह एक गुफा के अंदर आकर बैठ गया। उसने सोचा कि रात में कोई न कोई जानवर इसमें अवश्य आएगा। आज उसे ही मारकर मैं अपनी भूख शांत करुँगा।

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बोलने वाली गुफ की कहानी Bolnewali Gufa Story in Hindi

उस गुफा का मालिक एक सियार था। वह रात में लौटकर अपनी गुफा पर आया।

उसने गुफा के अंदर जाते हुए शेर के पैरों के निशान देखे। उसने ध्यान से देखा। उसने अनुमान लगाया कि शेर अंदर तो गया, परंतु अंदर से बाहर नहीं आया है।

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बोलने वाली गुफ की कहानी Bolnewali Gufa Story in Hindi

वह समझ गया कि उसकी गुफा में कोई शेर छिपा बैठा है।
चतुर सियार ने तुरंत एक उपाय सोचा। वह गुफा के भीतर नहीं गया।उसने द्वार से आवाज लगाई-
‘ओ मेरी गुफा, तुम चुप क्यों हो? आज बोलती क्यों नहीं हो?

बोलने वाली गुफ की कहानी Bolnewali Gufa Story in Hindi

जब भी मैं बाहर से आता हूँ, तुम मुझे बुलाती हो। आज तुम बोलती क्यों नहीं हो?’
गुफा में बैठे हुए शेर ने सोचा, ऐसा संभव है कि गुफा प्रतिदिन आवाज देकर सियार को बुलाती हो। \

बोलने वाली गुफ की कहानी Bolnewali Gufa Story in Hindi

आज यह मेरे भय के कारण मौन है। इसलिए आज मैं ही इसे आवाज देकर अंदर बुलाता हूँ। ऐसा सोचकर शेर ने अंदर से आवाज लगाई और कहा -‘आ जाओ मित्र, अंदर आ जाओ।’
आवाज सुनते ही सियार समझ गया कि अंदर शेर बैठा है।

बोलने वाली गुफ की कहानी Bolnewali Gufa Story in Hindi

वह तुरंत वहाँ से भाग गया। और इस तरह सियार ने चालाकी से अपनी जान बचा ली।

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