क्विज़ खेलों और पैसे कमाओ

Download App from Google Play Store
लाइफ स्टाइल

धर्म- विवादों से बचने का सबसे असरदार मंत्र है ‘क्षमा’

धर्म- विवादों से बचने का सबसे असरदार मंत्र है ‘क्षमा’
Helping a friend in need

क्षमा जिसका भाव अर्थ होता हैं किसी की गलती को अपनी इच्छा से खत्म कर देना। इस एक शब्द के आधार पर एक पूरा का पूरा पर्व मानाया जाता है क्या आपको पता है?  जी हां जैन धर्म के लोग क्षमवाणी के रूप में क्षमा शब्द को एक बड़े पर्व के रूप में मनाते हैं।

जैन धर्म को मानने वाले लोग इस पर्व को दशलक्षण महापर्व के रूप में मनाते हैं। इनका यह पर्व दस दिन तक चलता है और इन दसों दिन अलग अलग सिद्धांतों पर चलते हुए 10वे दिन क्षमावाणी का पर्व मनाया जाता है।

जैन संत के अनुसार मन में कभी क्रोध नहीं उत्पन्न होने देना चाहिए और यदि क्रोध आ भी जाता है तो आपको शांति के साथ उस पर नियंत्रण पाने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे में संत वाणी कहती है कि जाने अनजाने में होने वाली गलतियों के लिए व्यक्ति को स्वंय के साथ साथ दूसरों को भी क्षमा करना ही वास्तव में क्षमापर्व है।

सिर्फ जैन धर्म ही नहीं बल्कि संसार का हर धर्म क्षमा को उतना ही महत्वपूर्ण मानते हैं जितना की जैन धर्म। महाभारत जैसे महाकाव्य में बी क्षमा शब्द की चर्चा की गई है इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि क्षमा करना गुणवान लोगों की शक्ति मानी गई है। इसके साथ ही गीता में भी लिखा है कि वहीं साधुता कि स्वयं समर्थ होने पर क्षमाभाव रखें। यही नहीं क्षमा को अंहकार समाप्त करने की चाभी माना जाता है।

इससे परे यदि हम इस्लाम धर्म की बात करें तो उनके पवित्र कुरान में भी कहा गया है कि जो लोगों की गलतियों को भूलकर उसे क्षमा कर देता है उसे अल्लाह पुरस्कार देते हैं। वहीं विज्ञान के अनुसार माफी  माफ करना व्यक्ति के व्यक्तित्व को पूरा करने वाले तत्व हैं।

Rate this post

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button

Adblock Detected

गजब अड्डा के कंटेन्ट को देखने के लिए कृपया adblocker को disable करे, आपके द्वारा देखे गए ads से ही हम इस साइट को चलाने मे सक्षम है