क्विज़ खेलों और पैसे कमाओ

Download App from Google Play Store
किस्से कहानियाँ

मुर्गे की बाँग और सूर्योदय हिन्दी कहानी Murge Ki Baang Aur Sooryodaya Story in Hindi

मुर्गे की बाँग और सूर्योदय हिन्दी कहानी Murge Ki Baang Aur Sooryodaya Story in Hindi

एक समय की बात है, सूर्य की गर्मी से तंग आकर सभी प्राणी सदैव उसे अपशब्द कहा करते थे । सूर्य को यह बात नापसंद थी कि अकारण उसे बदनाम किया जाए ।

हमारे इस कहानी को भी पड़े : ईमानदारी का फल हिन्दी कहानी

अंत मे सूर्य के लिये यह सब असहनीय हो गया तो, एक रात्रि में अस्त होने के पश्चात सूर्य ने उदय होने से मना कर दिया । परिणाम स्वरूप धरती अंधकारमय हो गयी । रात-दिन व्याप्त इस इस अंधकार से सभी निराश हो उठे । उऩ्होने अपने कष्टों की गाथा सूर्य को सुनाई और अपने अपशब्दों के लिये क्षमा प्रार्थना करते हुए, सूर्य से पुनः उदय होने का निवेदन किया । किन्तु सूर्य ने पुनः न उदय होने की हठ न छोड़ी ।

मुर्गे की बाँग और सूर्योदय हिन्दी कहानी Murge Ki Baang Aur Sooryodaya Story in Hindi

अन्त में सब प्राणियों ने पक्षियों में सुंदर और बुद्धिमान पक्षी मुर्गे से अनुरोध किया कि वह सूर्य को पुनः प्रकाश प्रदान करने के लिये तैयार करे । मुर्गा सब प्राणियों का अनुरोध ठुकरा न सका और सूर्य के पास विनती करने चल दिया किन्तु वह रास्ते भर उस जंगली बिल्ली का भोजन बन जाने से भयभीत रहा जो उस मार्ग पर रहती थी ।

हमारे इस कहानी को भी पड़े : कण्णगी कोवलन हिन्दी कहानी

सूर्य के निकट पहुँच कर उसने विनती की, ‘आप कृपा करके पुनः उदय हों, आपके उदय होने के स्वागत में प्रति प्रातःकाल छः द्वार खुले रहेंगे, जैसे जैसे आप एक-एक द्वार से उदित होंगे, मैं हर बार बाँग दूँगा ।’ किन्तु सूर्य ने अपने ह्रदय को कठोर बनाते हुए उसकी विनती को अस्वीकर कर दिया ।

असफल होकर लौटते हुए मुर्गे ने कहा, ‘ मैं बहुत दूर से आपसे मिलने आया हूँ, आप मुझसे कम से कम यह वादा तो करिये कि, यदि लौटते समय जंगली बिल्ली ने मुझ पर आक्रमण किया, तो आप मेरी बाँग सुनकर, मेरी रक्षा के लिये अवश्य आएंगे ।’ सूर्य ने मुर्गे की रक्षा का वचन दे दिया । मुर्गा लौट चला । कुछ दूर जाकर उसने सूर्य के वचन को परखने के लिये ज़ोर से बाँग दी जबकि वहां कोई जंगली बिल्ली नहीं आई थी । अपने वचन को पूरा करते हुए सूर्य तुरन्त ही उसकी रक्षा के लिये उदय हो गया ।

तब से आजतक जब भी मुर्गा बाँग देता है, सूर्य उसकी रक्षा के लिये उदय हो जाता है । इसलिये सूर्योदय के साथ हम मुर्गे की बाँग भी सुनते हैं ।

Rate this post

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button

Adblock Detected

गजब अड्डा के कंटेन्ट को देखने के लिए कृपया adblocker को disable करे, आपके द्वारा देखे गए ads से ही हम इस साइट को चलाने मे सक्षम है