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नर मच्छर नहीं पीते है खून, मच्छरों से जुडी ऐसी ही रोचक बातें जानिए!

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छोटा सा दिखने वाला मच्छर इंसानों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इस छोटे से जीव के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। यह दुनिया का सबसे प्राणघातक जीव है जो मनुष्य को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

1 . मच्छर दुनिया का सबसे खतरनाक जीव है। मच्छर के काटने से हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग बेमौत मारे जाते हैं।

2 . दुनिया में 3,400 से भी ज्यादा प्रकार के मच्छर पाए जाते हैं। यदि संख्या की बात करें, तो 8 अरब इंसानों के मुकाबले दुनिया में कुल मिलाकर अंदाजन 100 ट्रिलियन मच्छर हैं। यह संख्या इतनी अधिक है कि अगर दुनिया के सारे मच्छरों को एक फुटबॉल मैदान में इकट्ठा किया जा सके, तो उनसे 4 किलोमीटर ऊंचा ढेर बन जाएगा।

3 . मच्छरों के कारण अब तक करोड़ों लोग मारे जा चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नदियों के किनारे बसी कई सभ्यताओं का विनाश भी मच्छरों के जरिए पैदा हुई बीमारियों के कारण हुआ था।

4 . वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि हर साल दुनियाभर में 30 से 50 करोड़ लोग मलेरिया का शिकार होते हैं। मच्छराें के काटने से मलेरिया सहित डेंगू, यलो फीवर, फीलपांव, वेस्ट नाइल फीवर जैसी घातक बीमारियां भी होती हैं। इनके चलते हर साल 10 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।

5 . खून पीने के मामले में मच्छरों का कोई मुकाबला नहीं है। एक मच्छर अपने वजन से तीन गुना खून पी सकता है।

6 . खून सिर्फ मादा मच्छर ही पीती है। दरअसल, उसे अपने अंडों के न्यूट्रीशन के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है, जो उसे खून से आसानी से मिल जाता है।

7 . मादा मच्छर एक बार खून पीने के बाद दो दिन तक आराम करती है।

8 . नर मच्छर खून नहीं पीता, वह बेचारा तो पेड़-पौधों के रस से अपना पेट भरता है।

9 . दुनिया भर में मच्छरों की 3500 प्रजातियां पाई जाती है।

10 . मच्छरों की सारी प्रजातियां इंसानों के खून की प्यासी नहीं हैं। कुछ प्रजातियों के मच्छर रेप्टाइल्स यानी छिपकली आदि का खून पीते हैं, तो कुछ एम्फीबियंस यानी मेंढक आदि का।

11 . मादा मच्छर हमारी त्वचा में काटने के बाद खून पीने से पहले अपनी थोड़ी-सी लार छोड़ देती है। हमारा खून शरीर से बाहर होते ही जमने लगता है। लार मिलाने से खून मच्छर की नली जैसी सूंड़ में जमता नहीं है। मच्छर की लार में मलेरिया, डेंगू के रोगाणु होते हैं, जो हमारे खून में मिलकर हमें बीमार बनाते हैं।

12 . मच्छर डेढ़ से ढाई किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है। उसके आकार को देखते हुए यह रफ्तार ज्यादा लग सकती है, लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि अन्य कीड़ों के मुकाबले मच्छरों के उड़ने की रफ्तार कम है। अगर कीड़ों के बीच मुकाबला हो, तो मक्खी, ततैया, भौंरा, तितली जैसे जीव मच्छर को आसानी से हरा देंगे।

13 . मच्छरों की भुनभुनाहट उनके मुंह से नहीं निकलती, वह उनके पंखों की आवाज होती है। उड़ते समय मच्छर एक सेकंड में 300 से 600 बार तक पंख फड़फड़ाते हैं, जिससे भुनभुनाहट जैसी ध्वनि निकलती है।

14 . मच्छर अंधेरे में हमें खोजकर काट लेते हैं। उन्हें हमारा पता हमारी सांसों से चलता है। सांसों से निकलने वाली कार्बन डाइ ऑक्साइड का पता मच्छरों को दूर से लग जाता है। इसके अलावा हमारे शरीर की गर्मी और गंध भी उन्हें आकर्षित करती है।

15 . नर मच्छरों का जीवन काल केवल 6 दिनों का होता है जबकि मादा मच्छर 6 से 8 हफ़्तों तक ज़िंदा रहती है।

16 . मादा मच्छर एक बार में करीब 300 अंडे देती हैं। अंडे से निकलने के बाद के 10 दिन मच्छर पानी पर ही बिताते है।

17 . नर मच्छर, मादा मच्छर को उनके पंखों की आवाज़ से पहचानते हैं।

18 . मच्छर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को और बच्चों की तुलना में एडल्ट को ज्यादा काटते हैं।

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