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Akhilesh Yadav Biography in Hindi | अखिलेश यादव का जीवन परिचय

अखिलेश यादव का जीवन परिचय Akhilesh Yadav Biography in Hindi

अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के एक सक्रिय राजनेता हैं। वे उत्तर प्रदेश के 20 वें मुख्यमंत्री थे । उन्होंने इटावा में सेंट मैरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने राजस्थान के ढोलपुर में ढोलपुर मिलिटरी स्कूल में दाखिला लिया। वे पर्यावरण इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर डिग्री के लिए अध्ययन करने ऑस्ट्रेलिया गए। 24 नवंबर, 1999 को डिंपल यादव से उनका विवाह हो गया। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने मार्च 2012 में 38 साल की उम्र में शपथ ली। उन्होंने 11 मार्च 2017 को इस्तीफा दे दिया।

अखिलेश यादव की जीवनी Akhilesh Yadav ki jivani

पूरा नामअखिलेश यादव
जन्‍म1 जुलाई 1973
उम्र50 वर्ष
जन्‍मस्‍थानसैफई, इटावा, उत्‍तर प्रदेश
पिता का नाममुलायम सिंह यादव
माता का नाममालती यादव
पत्‍नी का नामडिंपल यादव
बच्‍चेअदिति यादव, टीना यादव, अर्जुन यादव
पेशाराजनीति
पार्टीसमाजवादी पार्टी
पार्टी में पदराष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष
धर्महिंदू
नेटवर्थ35 करोड़ रुपए से अधिक (पत्‍नी सहित)
शैक्षिक योग्‍यतापोस्‍ट ग्रेजुएट

अखिलेश यादव का परिवार

वैसे तो अखिलेश यादव का परिवार काफी बड़ा है, और उनके परिवार के अधिकतर लोग देश और प्रदेश की सक्रिय राजनीति का बड़ा हिस्‍सा हैं। अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव के कुल पांच भाई-बहन हैं। इनमें मुलायम सिंह यादव रतन सिंह यादव से छोटे और अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव और कमला देवी से बड़े हैं। वहीं राम गोपाल यादव, मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई हैं। अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव और राम गोपाल यादव भी जाने-माने राजनेता हैं।

अखिलेश यादव जन्‍म और माता-पिता

1 जुलाई 1973 के दिन अखिलेश यादव का जन्म उत्‍तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था। अखिलेश यादव के पिता का नाम मुलायम सिंह यादव है, जो तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बार देश के रक्षा मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अखिलेश यादव की मां का नाम मालती देवी है। अखिलेश के बचपन में ही उनकी मां का देहांत हो गया था। मालती देवी मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी थीं। मालती देवी के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्‍ता से शादी कर ली थी। मुलायम और साधना का एक बेटा है, जिनका नाम प्रतीक यादव है।

वैवाहिक जीवन

अखिलेश यादव की शादी 24 नवंबर 1999 में हुई थी। अखिलेश यादव की पत्नी का नाम डिंपल यादव है। डिंपल यादव भी भारतीय राजनीति का जाना-माना चेहरा हैं। वह कन्‍नौज लोकसभा से लगातार दो बार सांसद चुनी जा चुकी हैं। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको हार का मुंह देखना पड़ा था। उत्‍तर प्रदेश में अधिकतर युवा अखिलेश यादव का ‘अखिलेश भैया’ और उनकी पत्‍नी को ‘डिंपल भाभी’ कहकर संबोधित करते हैं।

संतानें

अखिलेश और डिंपल की तीन संतानें हैं। जिनमें दो बेटियां और एक बेटा है। अखिलेश और डिंपल की बेटियों के नाम अदिति यादव व टीना यादव हैं। वहीं उनके बेटे का नाम अर्जुन यादव है।

शिक्षा

अखिलेश यादव पढ़ाई में एक होनहार विद्यार्थी हुआ करते थे। उन्‍होंने धौलपुर स्थित राजस्‍थान मिलिट्री स्‍कूल से अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी की। वहीं इसके बाद अखिलेश यादव ने मैसूर विश्‍वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्‍नातक की उपाधि हासिल की। फिर उच्‍च शिक्षा हासिल करने के लिए अखिलेश यादव विदेश चले गए। यहां उन्‍होंने सिडनी यूनिवर्सिटी से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में परास्‍नातक की उपाधि (Akhilesh Yadav Biography in Hindi) हासिल की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह वापस भारत आ गए।

अखिलेश यादव का करियर

अखिलेश यादव का जीवन परिचय (Akhilesh Yadav Biography in Hindi) उनके करियर की बात किए बिना पूरा नहीं होगा। दरअसल अखिलेश यादव ने पिता की विरासत को संभालने के लिए अपना करियर राजनीति में ही बनाया, हालांकि इस दौरान उनको कई बार अपने परिवार का साथ भी नहीं मिला। लेकिन अखिलेश ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते गए।

आइए एक नजर डालते हैं अखिलेश यादव के करियर पर…

राज‍नीति में ही चुना करियर

शुरूआत से ही राजनैतिक परिवेश में पले-बढ़े अखिलेश यादव ने भी अपना करियर राजनीति में ही चुना। अखिलेश यादव ने साल 2000 में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की। उन्‍होंने कन्‍नौज लोकसभा सीट से पहली बार में ही उपचुनाव लड़कर जीत हासिल की और 13वीं लोकसभा के सदस्‍य चुने गए।

इन कमेटियों में रहे सदस्‍य

13वीं लोकसभा के सदस्‍य चुने जाने के बाद अखिलेश यादव खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण समिति के सदस्‍य भी रहे। इसके बाद अखिलेश यादव को साल 2000 से 2001 तक कमेटी ऑफ एथिक्‍स के सदस्य भी रहे। वहीं साल 2002 से 2004 तक वह एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट कमेटी तथा विज्ञान एवं तकनीकी कमेटी के भी सदस्य रहे।

फिर 14वीं लोकसभा में भी बने सदस्‍य

साल 2004 में अखिलेश यादव एक बार फिर कन्‍नौज लोकसभा सीट से 14वीं लोकसभा के सदस्‍य चुने गए। इस दौरान वह कमेटी ऑन अर्बन डेवेलपमेंट, कमेटी ऑन साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी, कमेटी ऑन एनवायरमेंट एंड फॉरेस्‍ट्स और कमेटी ऑन प्रोवीजन ऑफ़ कंप्यूटर्स के कई विभागों के सदस्य भी रहे।

साल 2009 में दो लोकसभा सीटों पर जीता चुनाव

अखिलेश यादव ने साल 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। यहां उन्‍होंने बीएसपी के प्रत्‍याशी एसपीएस बघेल को 67 हजार से भी ज्‍यादा वोटों से हराया था। इसके साथ ही अखिलेश ने 15वीं लोकसभा के चुनाव में कन्‍नौज सीट से भी जीत हासिल की। बाद में अखिलेश ने फिरोजाबाद सीट से इस्‍तीफा दे दिया और कन्‍नौज लोकसभा सीट से सदस्‍य बने रहे। साल 2009 से 2012 के दौरान वह एनवायरमेंट एंड फारेस्ट कमेटी, विज्ञान और तकनीकी कमेटी और 2जी स्पेक्ट्रम केस की जेपीसी में भी सदस्य रहे।

साल 2012 में सपा को अखिलेश ने दिलाया पूर्ण बहुमत

उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी ने पहली बार किसी युवा चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा। इसका नतीजा यह हुआ कि अखिलेश यादव के नेतृत्‍व में समाजवादी पार्टी ने साल 2012 के उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 224 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया।

फिर यूपी के सबसे युवा मुख्‍यमंत्री बने अखिलेश यादव

साल 2012 में समाजवादी पार्टी ने 224 सीटें जीतकर उत्‍तर प्रदेश को इतिहास का सबसे युवा मुख्‍यमंत्री दिया। 10 मार्च 2012 के दिन अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के नेता चुने गए। वहीं 15 मार्च 2012 के दिन अखिलेश यादव ने 38 साल की आयु में उत्‍तर प्रदेश के 20वें मुख्‍यमंत्री के रूप में पद की शपथ ग्रहण की। इसके बाद अखिलेश ने 2 मई 2012 के दिन 15वीं लोकसभा के सदस्‍य के पद से इस्‍तीफा दे दिया और इसी महीने में वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुन लिए गए।

पिता मुलायम सिंह यादव ने की आलोचना

अखिलेश यादव को यूपी का मुख्‍यमंत्री बने हुए अभी चार महीने भी नहीं हुए थे कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने उनके कार्यों को लेकर उनकी आलोचना की और व्‍यापक सुधार के सुझाव दिए। इसके बाद उत्‍तर प्रदेश की जनता में यह संदेश गया कि यूपी में अखिलेश यादव सरकार को उनके पिता मुलायम सिंह यादव और दोनों चाचा चला रहे हैं।

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2017 के विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी हार

साल 2017 में अखिलेश यादव ने उत्‍तर प्रदेश में बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया। लेकिन इसके बावजूद भी उन्‍हें उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में हार का सामना करना पड़ा। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जितनी बड़ी जीत उत्‍तर प्रदेश के इतिहास में अब तक किसी को नहीं मिली थी। बीजेपी ने यहां इतिहास रचते हुए अकेले 312 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं सपा और कांग्रेस गठबंधन को सिर्फ 47 सीटें ही मिलीं। इसके बाद अखिलेश यादव ने हार स्‍वीकार करते हुए 11 मार्च 2017 के दिन उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया।

2022 के विधानसभा चुनाव में भी हारी सपा

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के हाथों एक बार फिर करारी हार का सामना करना पड़ा। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी गठबंधन को 273 सीटों पर जीत हासिल हुई तो वहीं सपा को 125 सीटें ही मिलीं। इस चुनाव में बसपा को एक तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की।

2022 में करहल से विधायक बने अखिलेश यादव

सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में मैनपुरी की करहल सीट से उम्‍मीदवार थे। करहल विधानसभा क्षेत्र से अखिलेश यादव ने बीजेपी के प्रत्‍याशी एसपी सिंह बघेल को 66 हजार से भी ज्‍यादा वोटों के अंतर से हराया। जहां अखिलेश को 1,47,237 वोट मिले, तो वहीं एसपी सिंह बघेल को 80,455 वोट ही हासिल हुए।

अखिलेश यादव से जुड़े FAQs

अखिलेश यादव के पिता का नाम क्या हैं?

अखिलेश यादव के पिता का नाम मुलायम सिंह यादव है जो समाजवादी पार्टी के संस्थापक है। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश केे पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह तीन बार प्रदेेश के मुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं।

अखिलेश यादव के माता का नाम क्या है?

अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव के पहली पत्नी मालती यादव की बेटे हैं।

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