इस समुदाय का कुछ हिस्सा होरबाई की तरह ही सोचने वाला है जो अपने बछो को पढ़ा-लिखा कर आत्मनिर्भर बनाना चाहता है वही कुछ के बच्चे अपनी माँ के ही नक़्शे-कदम पर चल रहे हैं।
होरबाई की बड़ी बेटी जो की 12 साल की है , संवाददाता बनना चाहती है तो उनकी 10 साल की छोटी बेटी अभिनेत्री बनने का शौक रखती है। दोनों ही अपने अपने हुनर के लिए क्लासेज करती है जो एक नॉन-प्रॉफिट वकालत संगठन जिसका नाम अपने आप वुमन वर्ल्डवाइड है द्वारा दी जाती है। यह संस्था वैश्याओं के बच्चों को वैकल्पिक हुनर सिखाने का कार्य करती है।
अपने बच्चों को अपने गलत धंधों से बचाने के लिए और सही रास्ते पर ले जाने का इनका दृढ़ विश्वाश अपने आप में ही एक साबुत है कि ये भी इस काम से उतनी ही घृणा करती हैं, जितना की हम और आप।