आपके साथ भी ये हुआ होगा, कि जब आपका प्यार परवान चढ़ने की देहलीज़ पर हो, लेकिन इज़हार करने के लिए चार दीवारी न मिले. लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि आप कहीं भी शुरू हो जाएं. संयम भी कोई चीज़ होती है बाबू! अगर आप अकेले रहते हैं तो आपको टेंशन लेने की ज़रुरत नहीं है, लेकिन जो लोग रूममेट्स या पेरेंट्स के साथ रहते हैं और रिलेशनशिप में हैं, उन बेचारों को एकांत के 2 पल बिताने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में कुछ लोग जहां जगह मिलती है, वहीं शुरू हो जाते हैं. लेकिन इंसान की नज़र तो हर जगह रहती है. देखिये कुछ ठर्कियों की तस्वीरें जिन्होंने न दायें देखा न बाएं, बस शुरू हो गए.
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